Tuesday, August 19, 2008

क्या ऐसा भी कोई ...

प्यार की बातों से अनजाना वो ना जाने किस दुनिया का महमान है
मीठी मीठी बातें परदे पे देखे और पूछे क्या ऐसा भी कोई जहान है
शीशे में फिर चेहरा टटोल कर सोचे क्या इतना बुरा मैं इंसान है
सोचते सोचते आधी रात हो गई थका दिल कहे अब तो बस कर तू अब भी जवान है
यह कहे जावा है मोहब्बत हसीं है ज़माना लुटा दू जिसपे सारा जहाँ ऐसे दिल का अरमान है
इतना प्यार देके भी जो मुकर जाए क्या ऐसा भी कोई भगवान् है

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