और माँगा जो मैंने उससे हुई तुझे हैरानीमाथे पे तेरे थे कुछ सोचो की कहानी
शायद अजीब था वो पल या अजीब था मैं उस पल
है यह पहले नशा का जाम या सिर्फ़ दो घुट जल
ख्वाइश थी कब से तेरे साथ महसूस हो ऐसा लम्हा
ख़्वाबों का हुमा उड़ रहा है हर तरफ़ हर दफा
शायद तेरे साथ भी हुआ ऐसा पहला वाक्या था ...


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