Monday, September 22, 2008

की कुछ तो हुआ है …..

जिंदगी की सादगी में शोर है, उठे कई अरमानों का ज़ोर है
चाहत की राहत का सोच है, इस सुनी सुनहरे शाम का दोष है
सपनो और सचाई की होड़ है, लुटे अरमानो के मोड़ है
प्यार पाने को दिल इज़तेराब है, की ये हयाते-शबाब है

- Written in a lonely red evening at this place:


2 comments:

Ashish Soni said...

Thanx for the wishes...

Nice one...keep it up...

yeah sure u can add me as ur blogmate...


take care
~Ali

Vinay said...

very goood!