Sunday, June 15, 2008

एक छोटा सा जहाँ हो


एक छोटा सा जहाँ हो
घरवाले और दोस्तो का साथ हो
इन के संग किसी महफील का समां हो

एक चोटी सी सुबह हो
नीला आसमां और हरी घास हो
इन के साथ मैं कर रहा आलिंगन हो

एक चोटी सी रात हो
प्यारा चांद और यादों की ठंडी हवा हो
इन में रमके दिल मेरा जावा हो

एक छोटा सा गीत हो
प्यारे अल्फाज़ और हाल-ऐ-दिल बयां हो
इन में सजके संगीत किसी सम्मेलन में कहा हो

एक छोटा सा दिल हो
जिसके साथ हसके गुजारु बस एक लमहा हो
इन खवाइशों के जंगल में कोई छोटा सा फूल खिला हो

खावाइशें कितने भी हों पर माँ तेरा साथ हर जगह हों

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