तेरे धरो का बखान अब मेरी जुबानी
तेरी मुराद की कोशिश अब मेरी कलामी
गुस्से से हो जाए वो लाल-पीली
पीली कहके सतायु है वो एक पगली
पत्थरों के मायने पर हर रिश्तो को संभाली
उची है उसकी हर ललकार पर हर जबान खरी
तूने ही सीचा मेरे फूल का हर ताना
हर बेरहमी दुपहरी में छाया था तेरा घाना
इस छाए को एक साया का साथ मिला है
ता-उम्र रहेगा साथ एक सिलसिला है
महके फूल से कभी तेरा भी आँगन
छाए से फूल का आलिंगन हो नया जनम
Kata Kata Benci buat Mantan pacar
10 years ago
1 comments:
सुन्दर ! भाग्यवान होते हैं वे जिनकी दीदी होती है।
घुघूती बासूती
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