Sunday, January 18, 2009

एक मैं …

तेरे आसुयें तेरे द्वारे घायल निर्दोषी
तेरे गुस्सा तेरी धुल भरी दुपहरी
तेरे मीठी बोली तेरे आंच-पके फल
तेरे आंचल की आड़ तेरे पेडो की छाव
तेरे पूजा की थाली तेरे पत्तो से हुआ आशीर्वाद
तेरा नम हाथ तेरे बरसात में नम हर प्राणी
तेरा झूलन तेरा झोके-दार पश्चिमी-हवा
एक मेरी माँ, एक मेरी धरती माँ, एक मैं

Friday, January 16, 2009

दिल-ऐ-नादाँ

यह ज़मीन चुप है, क्या कोई साज़िश है
या कोई आनेवाला तूफ़ान है या मेरे जनाज़े की तय्यारी है
या खुदा नाराज़ है या बस मैं ही हूँ
……
हम भटक रहे है, सूखे सहरा में
क्या कोई हम-काफिर है क्या कोई राह-दाफिर है
क्या क़यामत पास है, या किसी नए काफिले की आस है
......
क्यों अपनों की दुरी है, क्या यह एक आदत की कोश है
या एक नई डोर के तार है, या काले बादलों का आईना है
……
क्यों तारे इतने जगमग है, क्या यह चाँद के भेजे खादिम है
क्या चाँद मुझसे ख़फा है, या बस सितारों का कोई परिहास है
……
क्या यह गीत इतना मीठा है, या आँख के दो बूंदों की बोली है
क्या यह मेरी कहानी है, यह दिल--नादाँ मुझसे पूछता है

Sunday, January 11, 2009

Dreams and/or/not Love

Love is nothing but dreams, we don’t break the heart, it’s just the dreams.

Dreams are selfish; we make them unselfish when we share.

Love is also selfish; we can make it unselfish when we share.

What gets real love is sharing, and that’s how we make our dreams come real, because love is dream, real love is not.

Saturday, January 10, 2009

ना तो कारवां की तलाश है, अब ना हमसफ़र की तलाश है

ना तो कारवां की ना तो दर्ये की तलाश है, अब ना हमसफ़र की तलाश है
इस बद-मीजिये दुनिया के शौकों से डर-किए मुरादों की आवाज़ है
ना
तो तेरे परवाइश-किए रज़ा की परवा है, तेरे मजबूरी पे सवा है
इस आप-अक्लिये बंधों के साजो से मर-दिए ख्वैशो की आखरी आवाज़--सवा है
ना तो जाम की ना तो प्याले की तलाश है, ना बिखरे तिनकों की तलाश है
इस सोच की हालत को आसमानी ज़मीनी लायी दिल को दारो में पकी अक्ली दर्का हैना तो कारवां की ना तो दर्ये की तलाश है, अब तो बस एक सफर की तलाश है

Thursday, January 8, 2009

आओ मिलके गाये ऐसा गाना

आओ मिलके गाये ऐसा गाना जिसमें खुशी और प्यार की बात हो
…. सरगम एक सुबह की
ऐसी एक सुबह हो, जिसमें हवा एक श्रोत हो, सूरज की ताप एक ज्योत हो
पंछियों की बोलियों में कर्म-कर्त्वायता का गीत हो
मुस्कराती आंखों से देखो हर वो पल एक प्यार का साथ हो
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आओ मिलके गाये ऐसा गाना जिसमें खुशी और प्यार की बात हो
…. सरगम एक कली की
ऐसी एक कली हो जिसकी खुशबू सबको मिले, श्रृंगार का ना, मिसरी में लिपटी आवाज़ हो
ऐसा मन हो छोटो को प्यारा संदेश सुनाये, बडों को समझे वो अंदाज़ हो
ऐसी ही कली जो खुशबू लुटा देयता का सीख बाटे, सही प्रगीती की उसमें आगाज़ हो
ऐसी ही सच्ची प्यार की बात हो और उसके गीत सजे, ना कोई बंधन ना कोई दरवाज़ हो
आओ मिलके गाये ऐसा गाना जिसमें खुशी और प्यार की बात हो

Sunday, January 4, 2009

पास हो ...

सूरज की और एक आंख , एक हाथ तेरे साथ

प्यारा हो सुबह की वो गर्मी ना कोई बादल का हाथ

धीमी हो वो हवा ना हो कोई रुका घुटन सा दीवार

गीतों की हो वो बोल जिनमें गाये सारा समां

बरसे पास कोई झील, जैसे नाचे मेरे साथ

कोई पतंग जो मुझे झुआये हौले हौले

घास हो कोई नर्म जैसे सुस्राए कोई माँ

ओस हो कोई छोटा सा करदे मुझे शीतल

पास हो मेरी माँ कहे “aaye adeekey”


Feelings are not made with word structure, but are made in moments of love.

Love is not made with you, but with you in my heart.

You can’t see heart, but you can always see it through my heart.

My eyes won’t see you, but I am always there in the park, looking for you, because you are also and always there, not just for me, but with me, Miss you Maa…