
हर वक़्त खीचा हर वक़्त तना हूँ
तेरे इस डोर से हर वकत जुडा हूँ
मेरी आरजू थी कभी खुद से उडू
खुद ही हर दिशा में बहु और सजू
पर डोर टूटी तो क्यों भाव वीभोर हूँ
और इस आज़ादी में एक अद्श्य डोर है
सोचे क्यों तेरा साथ सबसे प्यारा है
जिसके लिए जिंदगी का हर डोर गवारा है
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