
दर्द छूपा के जीयु की दर्द भुला के जीयु
जीयु मैं कैसे भी बस तेरे लीये जीयु
सब के लीये तू एक औरत है मेरे लीये माँ है
जीसकी वजह से िंजंदगी मेरी नौ महीने ज्यादा है
अब तू कोई दर्द ना छूपा ना कोई गीला िदल में दबा
की अब इतना काबील हू की खुशीयों में होगी तू रवा
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