जिंदगी के अश्कों में एक दीया है
जिंदगी की लौ में जल रह मेरा जीया है
जिसके साथ मैंने हर लम्हा जीया है
सोचु क्यों जिंदगी ने फीर तुझे मिलाया है
तेरे आने से हर दीन मुसकुराया है
यह दूरी मीटा दु बस तेरी हाँ बाक़ी है
जिंदगी के सपने तेरे बीना कितना खाली है
तुझे पा सकू रब से कर रह हर आसू है
तुझे दिल का हाल कैसे बताऊ कुछ न सूझे है
पा कर खोने से डरता यह बदनसीब है
1 comments:
very nice dev...
really brilliant
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