Saturday, December 29, 2007

अगर.....

आज अगर तू मेरे पास है इन् हसीं पलों में
तो कल कही सपना ना बन जाये एक याद बन कर

साज अगर नया है मेरा आज इस सजी महफील में
तो कल कही फीकी ना पड़ जाये एक भूली दासतां बन कर

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