क्यों यकीन उठ गया उमीदो से
क्यों पास आके भी तेरी पर्छाइयाँ छु ना सका
क्यों यह पल तेरे बगैर अजनबी सा लगता है
क्यों तन्हाई में यह घडी हर वक़्त ताने देता है
क्यों मेरे हर आसू की बेबसी में तू एक दवा है जीसका नीशान दूर तक नही है
क्यों इस आवारगी की रुसवाई में तेरा छोटा सा ताना तीर सा लगता है
क्यों इन् कांटो के बीच तेरा ही गुलाब हर वक़्त चुब्ता है मुझे
क्यों मेरे िदल पर मेरा बस नही, और जीसका है उसपे मेरा बस कभी था ही नही
Kata Kata Benci buat Mantan pacar
10 years ago
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