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दर्द पी के भी तुझसे जुदा क्यों हूँ माँ
कया दर्द ये काफी नही रुलाने को माँ
ओ मेरी माँ
मैं कभी रातों मैं दर्द छुपाता हूँ माँ
अँधेरे मैं तुझको धुन्दता हूँ माँ
तेरी तस्वीर देखकर िदल मैं छुपाता हूँ माँ
कभी उठ ना पाऊ दर्द में ,फीर से उठाले मुझे माँ
आंसू दर्द में आते नही, पर तुझे पास ना देख कर गीर पड़ते है वो आंसू
यूं तो कीसी को खबर नही, पर तुझे सब पता है ना मेरी माँ
क्या इतना बुरा हू मैं , ओ माँ......
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